बवासीर ( Piles ) बहुत दर्दनाक बीमारी है। इसमें एनस तथा रेक्टम के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। सूजन आने के कारण एनस के अंदर व बाहर मस्से निकल आते है। यह एक आम सी समस्या है और ज्यादातर लोगों को ये गलत खान-पान की वजह से हो जाती है। यह ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है। अग इस पर समय पर ध्यान दिया जाए तो यह बड़ी समस्या नहीं है। ये घातक और बड़ी समस्या बन सकती है जब आप इस पर ध्यान ना दे । आपको इस समस्या के शुरुआती लक्षण की जानकारी न हो ।
यदि आपको इसके लक्षण पता होंगे तो आप इस स्थिति को जल्द भांप लेंगे और समय रहते इलाज करवा लेंगे। इसीलिए लक्षणों का पता होना अत्यंत आवश्यक है। तो आइए जानते है बवासीर के क्या लक्षण होते है जिन्हें देख या महसूस करके आप पता लगा सकता है की आपको बवासीर है या नहीं । जिससे आप समय पर उपचार ले सके ।
बवासीर के लक्षण :
मलासय तथा गुदा में सूजन : इस कारण से जब भी बवासीर रोगी फ्रेश होने जाएगा । तब उसे मल त्यागते समय दर्द होगा और ब्लड भी आता है ।
मल के साथ खून : जब मल के साथ ब्लड आता है। ऐसी स्थिति में बवासीर रोगी बहुत कमजोर होता जाता है। मल के साथ ब्लड आना और मल त्याग करने के बाद बाद भी ब्लड का टपकते रहना। बवासीर की ये बहुत ही खराब स्थिति हो सकती है। इसलिए समय पर इसका इलाज करना बहुत जरूरी है।
गुदा के पास खुजली होना: बवासीर में आम बात है। जब भी खुजली हो तो कोशिश करें उसे खुजायें नहीं । खुजाने से यह और तकलीफ देह हो सकता है। इसलिए खुजली वाली जगह पर बर्फ से सिकाई करें। आप गरम कपड़े से भी सिकाई कर सकते हैं।
मलासय तथा गुदा में मस्से : मलासय तथा गुदा में मस्से बनने लगते है ये स्थिति पुराने बवासीर में होती है, लेकिन कई मामलों में ये जल्दी भी हो जाती है ।
गुदा में गांठ महसूस होना: गुदा में गांठ महसूस होना भी बवासीर का लक्षण है। जब गुदा द्वार में गांठ हो जाती है तब दर्द काफी होता है ।
शौच के दौरान पीड़ा होना : शौच के दौरान मल त्याग करने में अत्यंत पीड़ा होना। यह बहुत ही तकलीफ देह होता है। जब गुदा में अंदर की तरफ और बाहरी तरफ मस्से हो जाते हैं । तब मल त्याग करते वक्त बहुत तेज दर्द होता है ।
बार-बार शौच जाना : बार बार शौच जाना पड़ता लेकिन फिर भी शौच के बाद पेट साफ नहीं होता है। जिसकी वजह से बवासीर में शौच के दौरान बार-बार दर्द होता है। जब आपका लिवर अच्छे से खाना ना पचाए। जिसकी वजह से कब्ज हो जाती है और पेट साफ नहीं हो पाता । और धीरे-धीरे ये बवासीर का रूप ले लेता है।
मल में म्युकस आना : मल में म्युकस आना भी बवासीर का ही लक्षण है । इसका समय रहते इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए। तब इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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Disclaimer
इस आर्टिकल में शेयर की गई जानकारी, उपचार के तरीके, और विधि आपकी जानकारी और बचाव के लिए है। कायाबज.इन इसकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेता । ये जानकारी और सुझाव मात्र शिक्षित करने के लिए हैं। इस तरह की कोई भी उपचार और दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें ।
Sach me bahut buri bimari hai… Apne bahut achchi jaankari hai…