दवा बिना मधुमेय को कैसे संतुलित रखे?
योगा एक ऐसी पद्दति जो हमारे शरीर में विकसित होने वाली सभी बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है । दिन में मात्र 15 से 20 मिनट योग करने से हम किसी भी बीमारी को दूर कर सकते है । फिर चाहे वह मानसिक बीमारी हो या शारीरिक हो । मधुमेय भी ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है जो शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है । ये जानलेवा साबित हो सकती है । मधुमेय को हम कुछ आसान से आसनों को कर के संतुलित कर सकते है । तो आइए एक-एक करके जानते है वो कौन से आसन है ।
भुजंगासन / सर्प मुद्रा /कोबरा आसन-
आसन करने का तरीका – इस आसन में हमारे शरीर की पज़िशन सर्प की तरह रहती है । आसन को करने के लिए सबसे पहले एकदम सीधे अपने पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। पैरों को आपस में मिल लें । हथेलियों को कंधों के पास जमीन पर जमा लें। अब धीरे धीरे अपने हाथों को सीधा करें । लेकिन जमीन पर आगे पीछे खिसकाएं नहीं । सीने को ऊपर उठाए और सिर को पीछे रखें । अब दोबारा नॉर्मल पज़िशन में आ जाएं । बेहतर लाभ के लिए इस आसन को 3-5 बार करें ।
भुजंगासन इन्हें नहीं करना चाहिए – वो व्यक्ति जिन्हे अक्सर सिर दर्द , पीठ में दर्द रहता है । ऐसे लोगों को तथा गर्भवती महिलायो को ये आसन नहीं करना चाहिए ।
पश्चिमोत्तासन-
इस आसन का अभ्यास करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं पैरों को सामने की ओर सीधा रखें । ध्यान रहे पैरों के बीच जगह नहीं होनी चाहिए। अब हथेलियों को घुटनों पर रख लें तथा सिर को नीचे की ओर झुकाना शुरू करें । हाथों से पैर की उंगलियों को पकड़ने की कोशिश करें। अब सिर को घुटनों से टच करने की कोशिश करें तथा कोहनियों को जमीन से टच करने की कोशिश करें । अब फिर से पहले वाली स्थिति में आ जायें । जब सिर ऊपर हो तो साँस उपर लें । तथा जब सिर घुटनों को टच करे तो साँस बाहर छोड़ें । पूरा आसन करते समय याद रहे की घुटने न मुड़े । ज्यादा फायदे के लिए आपको इस आसन को प्रतिदिन करें । और जब करें तब 3 से 5 बार दोहराएं ।
पश्चिमोत्तासन इन्हें नहीं करना चाहिए – यदि आपका लिवर बडा हुआ है । तब ये आसन आपके लियें नहीं है । आपको ये आसन नहीं करना चाहिए।
अगर आपको रीड से जुड़ी कोई भी परेशानी है । तो इस आसन को आपको किसी एक्सपर्ट की निगरानी में रहकर करना चाहिए।
पवन मुक्तासन-
इस आसन को करते समय पीट के बल जमीन पर लेट जायें । दोनों पैरों को सीने की तरफ मोडे और दोनों घुटनों को अपने हाथों से पकड़े। अब अपनी गर्दन ऊपर उठायें और दोनों पैरों के बीच में देखें । कुछ देर इसी पज़िशन में रहें इसके बाद फिर से शुरुआती पज़िशन में पहुँच जायें । पैरों को मोड़ते समय आपको याद रखना है कि साँस अंदर लेनी है। तथा पैरों को छोड़ते समय याद रखना है कि साँस भी छोड़नी है ।
पवन मुक्तासन किसे नहीं करना चाहिए – जिन व्यक्तियों को दिल की बीमारी है तथा हाई ब्लड प्रेसर की दिक्कत है उन्हे यह आसन नहीं करना चाहिये ।
गर्भवती महिलायो को ये आसन करने से बचना चाहिए । गर्भावस्था ( Pregnancy ) में ये नुकसानदायक हो सकता है ।
जिन लोगों को बवासीर की दिक्कत है। ऐसी परेशानी वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए ।
Disclaimer
इस आर्टिकल में शेयर की गई जानकारी, उपचार के तरीके, और विधि आपकी जानकारी और बचाव के लिए है। कायाबज.इन इसकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेता । ये जानकारी और सुझाव मात्र शिक्षित करने के लिए हैं। इस तरह की कोई भी उपचार और दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें ।
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