Self-care ideas for stress
चिंता के कारण होने वाली 5 मुख्य परेशानी ( 5 Main Problem of Stress ), चिंता ( Stress ) एक भावनात्मक स्थिति है। जब किसी भी विषय पर आपके मन में बुरे ख़्याल आने लगते हैं। तब ये खयाल चिंता के रूप में बदल जाते है। इसके साथ-साथ, चिंता ( Stress ) के संबंध में कुछ शारीरिक लक्षण भी होते हैं। जैसे कि दिल की धड़कन का बढ़ना, गहरी साँस लेने की समस्या होना, ज्यादा पसीना आना आदि।
चिंता ( Stress ) बहुत सारे कारण हो सकते है। जैसे- जीवन में निराशा मिलना, विपरीत भावनाएं उत्पन्न होना, आर्थिक समस्याएं मतलब पैसे की समस्या, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, परिवार या सामाजिक समस्या भी चिंता ( Stress ) का कारण बन जाती है। लेकिन, अगर व्यक्ति अधिक चिंता करता है। ये स्थिति स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं होती है।
अगर चिंता किसी भी व्यक्ति को लंबे समय तक बनी रहे तो चिंता बहुत सी परेशानियों का कारण बन सकती है। चिंता ( Stress ) से होने वाली 5 मुख्य परेशानियों ( 5 Main Problem of Stress ) की बात करें तो इस तरह हैं।
चिंता से होने वाली मुख्य 5 परेशानी / 5 Main Problems of Stress
नींद की कमी और अनिद्रा भी चिंता ( Stress ) की मुख्य वजह है। जब चिंता होगी तब व्यक्ति को नींद न आने की समस्या होगी।
आंतरिक असंतुलन और मनोवैज्ञानिक समस्याएं, जैसे कि अवसाद और अधिक चिंता ( Stress ) भी हो जाता है।
शारीरिक समस्याएं, जैसे कि मांसपेशियों के दर्द, अस्थमा, माइग्रेन भी चिंता ( Stress ) की वजह से हो सकते हैं।
संबंधों की बाधा और संबंधों में असंतोष भी चिंता ( Stress ) की मुख्य वजह है।
काम के प्रदर्शन में कमी और अनुपयुक्त निर्णय लेना । जब आपको अधिक चिंता ( Stress ) होती तब आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी कम हो जाती है।
चिंता से बचाव के तरीके / How to Recover From Stress
व्यायाम: शारीरिक गतिविधि करते रहना चिंता ( Stress ) को कम करने में मदद करता है। अगर व्यक्ति अपने शरीर से मेहनत करता और शरीर को व्यायाम ( Exercise ) की मुद्रा में गतिशील रखता है। तब वह चिंता को कम कर सकता है। जैसे- योग करना ( Yoga ), मेडिटेशन करना, डायफ्रामाटिक श्वासायाम जैसे अन्य योग एवं व्यायाम करने से आप शांति प्राप्त कर सकते हैं। और चिंता से बचा जा सकता है।
विचारों पर नियत्रण: व्यक्ति के विचार व्यक्ति की भावनाओं को हमेशा ही प्रभावित करते हैं। इसीलिए अपने विचारों पर नियत्रण करें । जरूरत से ज्यादा न सोचें। वक्त के साथ चलते रहें और मन को अच्छा करने के लिए प्रेरित करते रहें। परेशानी या उत्सुकता भरे विचारों से बचने के लिए अच्छा सोचें और मन को शांत करें।
बातचीत साझा करें: बातचीत करना हमेशा ही व्यक्ति के लिए अच्छा माना गया है। अक्सर एक दूसरे से बात करने से, आप चिंता और तनाव ( Stress ) से बच सकते हैं। इसलिए अपनों से और अपने मित्रों से मन की बात साझा करते रहें । और सबके साथ मिलजुल कर रहने की कोशिश करें । ये आपको चिंता ( Stress ) से बचने में मदद करते हैं।
नियम बनाए: नियम एक ऐसा शब्द है अगर कोई भी व्यक्ति नियम का पालन करे, तो उस व्यक्ति के जीवन में चिंता ( Stress ) कभी नहीं आ सकती। अपना समय और कार्यक्रम को ठीक से ते कर लें। जिससे आपको किसी भी कार्य को करने के लिए अधिक सोचना न पड़े।
समस्या का सामना करें: हर किसी के जीवन में कोई न कोई समस्या होती ही है। लेकिन उससे परेशान होकर चिंता करना ठीक नहीं है। जो भी समस्या हो उसके सामने डटकर खड़े होना चाहिए । ये चिंता ( Stress ) को कम करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। जब भी कोई परेशानी आए तो अपनी समस्याओं के सामने खड़े हों जाएँ और उन्हें ठीक करने के लिए कोशिश करें। आप इससे आसानी से बाहर आ सकते हैं।